What is Karwa Chauth in Hindi / करवा चौथ क्या है इसे क्यों मनाते है? इसकी पौराणिक कथा क्या है?
दोस्तों आज इस के बारे में आपको रोचक जानकारी देने जा रहे है.
करवा चौथ क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है? What is Karwa Chauth in Hindi?
करवा चौथ के व्रत का भारत में बहुत महत्व है। इस दिन सुहागन औरतें अन्न -जल त्याग कर पूरे दिन अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। साथ ही इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है ताकि उनके पति को लंबी आयु और उन्हें अखंड सौभाग्य प्राप्त हो। इस दिन ही भगवान शिव, पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा अर्चना का बहुत महत्व है।
Karwa Chauth Kab Hai 2021 : इस साल Karva Chauth 2021 भारत में 24 October 2021 Sunday के दिन मनाया जायेगा.
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क्यों मानते हैं करवा चौथ? / Pauranik Katha of Karwa Chauth 2021
Story of Karwa Chauth : करवा चौथ से जुड़ी हुई बहुत सी कथाएं हैं, एक किवदंती के अनुसार जब यमराज सावित्री के पति सत्यवान की आत्मा को ले जाने आये थे तब सावित्री उनसे अपने पति के प्राणों की भीख मांग रही थीं लेकिन यमराज ने उनकी एक न सुनी।
जब सती को एहसास हुआ कि यमराज उनके पति के प्राण नही लौटाएंगे तब उन्होंने बेहद समझदारी और सूझ -बूझ के साथ काम लिया।
सावित्री ने उसी समय अन्न-जल का त्याग कर दिया और अपने पति के शरीर के पास बैठ कर विलाप करने लगीं। एक पतिव्रता स्त्री के विलाप को सुन कर यमराज विचलित हो गए और उन्होंने सावित्री से कहा कि अपने पति के प्राणों के अलावा और कुछ भी मांग लो।
इतना सुनते ही सावित्री ने यमराज से एक वरदान मांगा। सावित्री ने कहा कि हे यमराज मुझे वर दें कि भविष्य में मुझे बहुत सारे संतानों की प्राप्ति हो।
सावित्री का यह कथन सुनते ही यमराज ने तथास्तु कह दिया, लेकिन वह यह भूल गए कि सावित्री एक पतिव्रता स्त्री थीं और अपने पति के अलावा किसी और के साथ जीवन व्यतीत करना उनके लिए संभव ही नहीं था।
जिसके बाद यमराज को उनके पति के प्राण उन्हें लौटने पड़े। कहा जाता है कि तभी से स्त्रियां इस दिन अन्न जल त्याग कर अपने पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन का उपवास रखती हैं।
करवा चौथ से जुड़ी हुई महाभारत की कहानी
एक और Kahani यह है की द्रौपदी ने भी अपने पतियों यानी पाँचो पांडवों के लिए यह व्रत किया था। कथा के अनुसार जब अर्जुन नीलगिरी की पहाड़ियों में घोर तपस्या के लिए गए हुए थे.
उस समय बाकी के चार पांडवों को उनके पीछे से अनेकों गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था तभी द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण से मिलने का फैसला किया, श्री कृष्ण से मिलकर उन्होंने अपनी सभी समस्याओं के बारे में बताया। कृष्णजन्माष्ठमी का त्यौहार
द्रौपदी को इतना दुखी देख कर श्री कृष्ण ने उन्हें करवा चौथ का व्रत करने की सलाह दी। कृष्ण की बात को मानते हुए द्रौपदी ने करवा चौथ के इस निर्जला व्रत का पूरे दिल से पालन किया, जिसके परिणाम स्वरूप अर्जुन भी सही सलामत लौट आये और बाकी पांडवों की सारी परेशानियां भी दूर हो गईं।
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करवा चौथ का महत्व क्या है? Importance of Karwa Chauth
करवा चौथ के महत्व का वर्णन पुराणों में भी किया गया है और सुहागन औरतें बहुत ही अच्छे से इस व्रत का महत्व समझती हैं। करवा चौथ का दिन और संकष्टी चतुर्थी एक ही दिन होता है। संकष्टी के दिन की यह मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है और उनके लिए उपवास रखा जाता है।
तो वहीं करवा चौथ वाले दिन माता पार्वती को आराधना का महत्व है। इस दिन माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है तो साथ ही उनके दोनो पुत्र भगवान कार्तिकेय और श्री गणेश की भी पूजा होती है। करवा चौथ में पूजा के दौरान करवा का बहुत महत्वपूर्ण होता है और पूजा के बाद इसे किसी ब्राम्हण या किसी योग्य सुहागन को दान में दे दिया जाता है।
करवा चौथ के मात्र चार दिन बाद ही औरतें अपने बेटों के लिए उपवास रखती हैं जिसे अहोई अष्टमी के नाम से जाना जाता है।
करवा चौथ व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
करवा चौथ का त्योहार उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में धूम धाम से मनाया जाता है। पंजाब में इस व्रत की शुरुआत सरगी खाने की रस्म के साथ शुरू होती है जिसमें सुहागन औरतें उपवास शुरू करने से पहले सुबह सूरज उदय होने से कुछ समय पहले अपने सास के हाथ की बनाई हुई सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं।
शाम को सुहागनें 16 श्रृंगार करके कथा सुनती हैं और इस पूजा को समूह में सम्पन्न किया जाता है। महिलाएं अपनी पूजा को पूरा करने के बाद पवित्र घेरा लेती हैं।
Karwa Chauth Latest Video
वहीं उत्तर प्रदेश में इस दिन गौ माता की पूजा की जाती है जिसके लिए गोबर से उनकी प्रतिमा बनाई जाती है। पूजा सम्पन्न होने के बाद जैसे ही चांद निकलता है उसके बाद वह पहले। चांद को देखकर फिर अपने पति को देख कर उनके हाथों से पानी पी कर अपना व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ की पूजा विधि ?
1- सूर्य निकलने से पहले स्नान करके करवा चौथ व्रत का संकल्प लिया जाता है।
2- उसके बाद सरगी के रूप में फल , मिठाइयां, सेवइयां और पूरी वगौर खा कर व्रत की शुरुआत होती है।
3- सम्पूर्ण शिव परिवार और श्री कृष्ण की स्थापना की जाती है।
4- गणेश जी को पिले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाए जाते हैं।
5- भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार का सारा सामान अर्पित किया जाता है।
6- श्री कृष्ण को माखन मिश्री और पेड़े का भोग लगाया जाता है।
7- उसके बाद उनके सामने मोगरा या घी का दीपक जलाया जाता है।
8- मिट्टी के करवा पर रोली से स्वस्तिक बनाया जाता है।
9- कर्वे में दूध, जल और गुलाब जल मिला कर रखें और रात को चंद्र दर्शन के बाद वही जल चंद्रमा को अर्पित करें।
10- इस दिन महिलाओं का 16 श्रृंगार करना अनिवार्य है क्योंकि इस से सौंदर्य बढ़ता है।
11- इस दिन पूजन के दौरान करवा चौथ की कथा सुनें।
12- पूजा खत्म होने के बाद परिवार के बड़े लोगों के और पति के पैर छू कर आशीर्वाद लें।
13- पति को प्रशाद देकर भोजन करवाएं और उसके बाद खुद भी भोजन करें।
Conclusion
दोस्तों उम्मीद है कि इस What is Karwa Chauth in Hindi / About Karwa Chauth 2021 in India के information के ज़रिए आपको करवा चौथ क्या है ? इसे क्यों मानते है? इसकी पौराणिक कथा क्या है? से जुड़ी सभी जानकारियां मिल गयी होंगी.
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हिंदी-कोट्स में यह पोस्ट पढने के लिए आपका धन्यवाद्.-
भारतीय महिलायों के लिए करवा चौथ एक महत्वपूर्ण व्रत है ये व्रत सभी सुहागिन महिलाये अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखती है ओर चन्द्र दर्शन कर अपना व्रत खोलती है इसमें महिलाये देवी पारवती ओर गणेश भगवान् की पूजा करते है वैसे तो चौथ का चन्द्र दर्शन अशुभ मानते है हिन्दू ज्योतिष के अनुसार परन्तु आज का चन्द्र दर्शन अच्छे वैवाहिक जीवन ओर पति की दीर्घायु के लिए शुभ होता है क्योकि गणेश भगवन आज के चन्द्र दर्शन को शुभ बनाते है .