यह Ek Raja ki Kahani है. इसके पिछले भाग में आपने राजा और उसकी दो रानियों की कहानी (Story of king and queen) पढ़ी थी उसी कहानी के भाग -२ को हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे है- अगर आपने अभी तक कहानी का भाग -१ नहीं पढ़ा है तो आप कहानी – Raja Rani ki Kahani Part-1 पढ़े.
एक राजा की कहानी / Raja Rani ki Kahani Part-2
उधर जंगल में फेंके गए नवजात बच्चे भूख प्यास से तड़प रहे थे और जोर जोर से रो रहे थे. वही पास में एक सन्यासी रहते थे. उन्हें बच्चो के रोने की आवाज़ सुनाई दी जब उन्होंने खोजबीन की तो उन्हें दो नवजात शिशु झाड़ियो में पड़े मिले.
सन्यासी ने तुरंत ही उन अबोध शिशुओ को गोद में उठा लिया और चारो तरफ देखकर चिल्लाने लगे की शायद कोई गलती से इन बच्चो को यहाँ छोड़ गया है. परन्तु उन्हें पशु पक्षियों के अलावा किसी की आवाज़ सुनाई नहीं दी. यह देखकल सन्यासी को समझ आ गया की कोई जान बूझकर यहाँ छोड़ गया है.
साधू उन बच्चों को अपनी कुटिया में लेकर वापस आ गए. कुटिया में आने के बाद साधू ने बच्चों को बकरी का दूध पिलाया तब उनका रोना बंद हुआ. और दोनों बच्चे सो गए. जब साधू उन बच्चो को स्वच्छ कपड़े पहनाने के लिए उनके कपडे उतार रहे थे तो उन्होंने शिशु बालक और बालिका के बांह पर चन्द्रमा की तरह एक निशान बना हुआ देखा. आकृति देखकर साधू को यह ज्ञात हो गया की यह किसी राज परिवार के है और किसी षड़यंत्र के कारण इन्हें यहाँ छोड़ा गया है.
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साधू ने अब उस स्थान के आस पास रहना सुरक्षित नहीं समझा और वह दोनों शिशुओ को लेकर नए स्थान की खोज में निकल पड़े. एक दिन पूरा चलने पर काफी दूर आगए. और आगे चलने पर उन्हें नदी के किनारे एक मंदिर में शंख और घड़ियाल बजने की आवाज सुनाई दी. साधू ने वही रुकने का फैसला किया और वह वही जाकर आराम करने लगे.
गाँव के लोग जब पूजा करने के लिए इकट्ठे हुए तो उन्होंने वह साधू और दो छोटे छोटे बच्चों को देखा तो वो उनसे बातचीत करने लगे. सब लोगो की रजामंदी से साधू वही रहने लगे और मंदिर की देख-रेख, आरती और पूजा का कार्य भी करने लगे.
गाँव के लोगो की मदद से वही कुटिया का निर्माण किया गया और गाँव के एक अमीर व्यक्ति ने उनके लिए खाने-पिने और दूध आदि की व्यवस्था कर दी. साधू उन दोनों बच्चों के साथ वही आराम से रहने लगे. कुछ ही सालो में दोनों बच्चे दिन दूनी रात चौगनी रूप से बढ़ गए.
साधू द्वारा राजा के बच्चों को शिक्षा Education to Kids
राजा के दोनों बच्चों को साधू ने अब अस्त्र-शस्त्र चलाने के साथ ही साथ शास्त्रों का ज्ञान भी देना शुरू कर दिया. प्रशिक्षण पूरा होने पर दोनों भाई बहिन एक अच्छे योद्धा बन गए. और साधू महात्मा अब वृद्ध हो चुके थे उनसे अब मंदिर का काम काज सही से नहीं होता था. वृद्धावस्था के कारण साधू अब बीमार रहने लगे थे. दोनों भाई बाहें भोजन की व्यवस्था और मंदिर के सभी कार्य सँभालने लगे थे.
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Next Episode – राजा रानी की कहानी भाग-3
दोस्तों इस कहानी का अगला भाग Part 3 (Ek Rajkumar ki Kahani) है आप इसे पढ़कर अपनी राय जरूर बताइए. हमें आशा है यह आपको पसंद आएगी.
कृपया अपने comments के द्वारा हमें Raja ki Kahani| राजा रानी की कहानी भाग-2 के बारे में reply दे.-
Sir is story ka third part kab aayega
Vijay Ji,
Ham Raja rani ki kahani ka third part write kar rahe hai. Next month ise Hindi-Quotes.in me jaroor publish karenge.
3rd part of raja rani ki kahani never came.
Dear Gaurav, Sorry for long delay. It is written by Vandna ji. She was facing some person problem. She will provide 3 part of this story very soon. Thanks
Sir
Is story ka thurd part aaiga ya nahi
Aapne demand ki hai, to author will work on it soon. We will publish the next part. Thanks
Where is third part what time to coming???
It will publish soon.
Yr 3rd part toh kr do update kb kroge beech m hi reh gya m toh
Jaldi hi aayega.