दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं राजा रानी की कहानी भाग – 3. (Chandrasen Rajkumar ki Kahani). यह कहानी राजकुमार चंद्रसेन & राजकुमार चन्द्रकला की है. आपने कहानी के part-3 के तीसरे भाग के लिए इतने लंबे समय तक किसका इंतजार किया और कमेंट में आपने इसकी डिमांड की इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद!
अगर आप सीधे इस पेज में आ गए है और आपने राजा रानी की कहानियों का भाग -1 & 2 नहीं पढ़ा है तो नीचे लिंक में पढ़िए:
आपको बताते हैं एक राजकुमार की कहानी –
राजकुमार चंद्रसेन एवं राजकुमारी चंद्रकला की कहानी / Prince & Princes Story in Hindi
साधू ने उन दोनों बच्चों के नाम चंद्रसेन और चंद्रकला रखा. राजकुमार चंद्रसेन और राजकुमारी चंद्रकला दोनों ही इस बात से अनभिज्ञ थे कि वह राज घराने के बच्चे हैं . वह गांव के दूसरे बच्चों की तरह ही स्वयं को समझते थे. सदा सहायता करना और दयालुता, विनम्रता जैसे गुणों के साथ साथ दोनों ही बहुत ही मृदुभाषी थे और साधू को ही अपना सब कुछ समझते थे.
ऐसे कई वर्ष बीत गए. साधु अब वृद्ध हो चले थे और उन बच्चों को यह सच बताना चाहते थे कि वह कौन हैं . परंतु वह यह सोच कर डर जाते थे कि कहीं यह सत्य कि ये दोनों स्वर्ण नगरी के राजकुमार और राजकुमारी हैं यह किसी अन्य को पता चलने पर कहीं इन को मारने का प्रयास न किया जाने लगे. फिर इस बात को सोचकर वह विचलित होजाते थे और चिंता में मौन हो जाते थे.
चंद्रसेन और चंद्रकला अब युवा हो चले थे दोनों बहुत ही कुशल योद्धा थे. गाँव में किसी के ऊपर कोई भी कठिनाई आती तो दोनों भाई बहन उसका बड़ी चतुराई से और बहादुरी से सामना करते थे. गाँव के लोग भी बहुत प्रेम करते और सभी उन बच्चों की देखरेख कभी ध्यान रखते थे.
गांव के किसी व्यक्ति को यह ज्ञात नहीं था कि यह दोनों साधु के बच्चे नहीं है . साधू ने भी कभी किसी को यह ज्ञात नहीं होने दिया. यहां आने पर सभी को यह बताया कि यह दोनों बच्चे उनके छोटे भाई के बच्चे हैं. उनके भाई की पत्नी की मृत्यु इन बच्चों के जन्म देने के कुछ देर बाद ही हो गई थी. उनके भाई जब जंगल से जड़ी बूटी लेने गए थे तो किसी सर्प ने उन्हें काट लिया और उनके भाई की भी मृत्यु हो गई.
तब से यह दोनों बच्चों के माता-पिता वही हैं और इन बच्चों के सिवाय संसार में साधू का और कोई नहीं है. इस प्रकार ग्रामीण भी उन सभी की रक्षा करते और उनका विशेष ध्यान रखते थे.
गाँव में जंगली सूअरों का आतंक
एक दिन संध्याकाल की आरती समाप्त होने पर कुछ ग्रामीण मंदिर परिसर में ही बैठकर भजन कीर्तन कर रहे थे तभी वहां कुछ सैनिक आ गए और ग्रामीणों से कुछ पूछने लगे. यह देखकर चंद्रसेन भी वहां पहुंच गया और उनकी बात सुनने लगा.
सैनिकों ने बताया कि भारत के जंगल में कुछ जंगली सूअरों का झुंड घुस आया है. जो आस-पास के गांव में घुसकर फसलों को नष्ट कर रहा है तथा ग्रामीणों को भी घायल कर रहा है. इसलिए सभी ग्रामीणों को सावधान करने आए हैं कि कोई व्यक्ति संध्या के बाद अकेला घर से बाहर ना जाए और खेत खलिहान में रात्रि में ना रहे.
यह सुनकर सभी ग्रामीण डर गए सैनिक भी वापस चले गए चंद्रसेन ने सभी को घर जाने के लिए कहा और स्वयं भी वहां से चला गया. रात का समय था कि चंद्रसेन को कुछ आवाज सुनाई थी जब उसने अपने घर की छत से बाहर देखा तो उन्हें बहुत से जंगली सूअर बाहर घूमते हुए दिखाई दिए. वह चुपचाप नीचे आ गया और सूअरों को किस प्रकार स्वर्ण नगरी राज्य से बाहर निकाला जाए या युक्ति सोचते सोचते उसे कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला.
अगले दिन क्या हुआ ?
जब उसे सुबह उसकी छोटी बहन ने उसे जगाया तब उसने बाहर आकर देखा कि कुछ गांव वाले एकत्रित है. गांव वालों के पास गया तो गांव वाले उसे मंदिर के परिसर में ले गए. वहां देखा कि मंदिर के बगीचे को सुनो ने बहुत नुकसान पहुंचाया है. पौधों को नष्ट कर दिया है और पास के खेतों को भी उतार दिया है. इस कारण सभी ग्रामीण बहुत परेशान और दुखी थे. उनका दुःख और परेशानी देखकर साधू ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर उन्हें दोबारा बगीचा लगाने और खेत साफ कर फसल उगाने की सलाह दी. इस प्रकार गाँव वालों ने उनकी बात मानी और खेतों और बगीचों की साफ सफाई करके दोबारा बोलने के कार्य में लग गए .
अन्य बेहतरीन Kahaniyan भी पढ़िए:
Best 12 motivational stories in Hindi | प्रेरणादायी कहानियों का संग्रह
Chittorgarh Prince Story in Hindi | राजकुमार चंड का त्याग
Rajkumar & Rajkumari ki Kahani का निष्कर्ष :
दोस्तों ! रजा रानी की कहानी कहानी अभी ख़त्म नहीं हुयी है अभी आगे काफी रोचक घटनाक्रम है और इसका एक क्लाइमेक्स भी है. जो की अगले episodes/parts में आपको पढने को मिलेगा.
यह है Ek Rajkumar ki Kahani (राजा रानी की कहानी का भाग -३). आपको राजकुमार चंद्रसेन की कहानी कैसी लगी अपनी राय हमें कमेंट करके जरूर बताइए. अगर इसमें कोई त्रुटी या सुधार की जरूरत है तो भी हमें बताइए.
आपको कुछ समय बाद Story का भाग -४ भी पढने का मौका मिलेगा. जल्द ही इसके बारे में जानकारी देंगे.
आपसे अनुरोध है इस कहानी को आप सोशल मीडिया में शेयर करिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे पढ़े और हमें motivation मिल सके.
Why u haven’t upload 4th part of Raja Rani story…of Raja chandrasen
Jaldi hi 4th part publish hoga.
Abhi tak 4th part nahi aya…sirji…ita been 2 months…
Aap readers kho rahe ho….
Apne 3rd part ki itni wait karwai ki kitne logo ne 3rd part ke liye demand ki…a. 4th part ke liye mere alawa koi kar raha hai demand??? ,Nahi …
Readers kam ho rahe…..hai
I loved your blog article. Really thank you! Really Great. Rheba Chickie Jolanta